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❤️ Main kaisi hu ❤️ aur Tum kaise ho ✨....

Ladki ko bigad rahe ho Janab tarifo ki barsad kar k :giggle:


Kabile tarife isliye he ki Aapne use banaya he
Sab Kuch bhula ke use gale se lagaya he
Khusnasib Wo Jo aap se Mili
Aap hi ki bagho me aake wo khili
Tute khwab ko jod ke aapne uska
Sapne sajaya he
Kabile tarife isliye he ki Aapne use banaya he :fest:

Abhiman nai use gurur Hoga aap ki aakho par
Aap ki Kalam aur use thamne wali haatho par
Aap ki chehre ki rosni se wo chamakti he
Dardo ko wo be-h-khubi se samajhti he
Jindagi ne najane Kaun Kaun sarang dikhaya he
Kabile tarife isliye ki he Aapne use banaya he

Kahi ye Banda BHI bhigad na jaaye jyada tarifo se :tso:
Ab ham kuchu na bolenge :las:
माना की उसके चेहरे की चमक मुझसे है
पर इस चेहरे पे मुस्कान की वजह भी तो वो है
लिखना तो एक शौक था मेरा
पर अपने ज़िद से संवेदनाओं का एहसास भी वो है


तारीफों से ये बंदा बिगड़ने वाला नहीं
कुछ नया लिखने की प्रेरणा मिलती है। :happy1:
 
संजोया तो उसने मुझे
उसने ही गले भी लगाया
खुशनसीब तो हम हैं
जो उसे पाया।
ख्वाब जो टूटे थे
हम तो बिखर चुके थे
ख्वाब फिर से देखना
सिर्फ उसने सिखाया।
काबिले तारीफ तो वो है

जिसने फिर से जीना सिखाया।
Pyar har sabdome ubhar Raha he
Najane kiski dill ki Gali se gujar Raha he
Confuse to hame is baat ki he ki
Ye Banda bhigad Raha he ya sudhar Raha he
:spoileralert:
 
Last edited:
Pyar har sabdome ubhar Raha he
Najane kiski dill ki Gali se gujar Raha he
Confu to hame is baat ki he ki
Ye Banda bhigad Raha he ya sudhar Raha he
:spoileralert:
Bigdu ya sdhru kuch pta nhi
Ye to uske pyar ki khumari hai
Apne hi Dil ki gali gujre hue
To Kai zamane bit gye...

Bewajah na roko toko
Lagta hai dil sambhal rha hai... :inlove:
 
Ab khud k bas me nai lag rahe ho
Na Roku na toko ye Kya kah rahe ho :rofl1:
Rokne tokne ki bari bhi aayegi tumhari
Sama bdl rha, thoda machcal to lene do :)
 
Pagal
Sama badalne se pehle ham samhal jaye to
Rokne tokne ki jarurat hi nai usse pehle ham hk badal jaye to
Bolo bolo :rofl1: :nerdy:
कठिन प्रश्न है
:idea:
हम अपने प्यार की तपिश इतनी तेज कर देंगे की चाहो लाख बदल जाओ, किसी भी राह निकल जाओ, मजिल के अंत पे हम ही मिलेंगे।
बीच रास्ते रूक जाओ ऐसा होगा नहीं क्योंकि शीतलता हमारे संसर्ग में ही प्राप्त होगी।

बुझी का बोले:rofl1:
 
कठिन प्रश्न है
:idea:
हम अपने प्यार की तपिश इतनी तेज कर देंगे की चाहो लाख बदल जाओ, किसी भी राह निकल जाओ, मजिल के अंत पे हम ही मिलेंगे।
बीच रास्ते रूक जाओ ऐसा होगा नहीं क्योंकि शीतलता हमारे संसर्ग में ही प्राप्त होगी।

बुझी का बोले:rofl1:
Mujhe kyu Himalaya me tapasya karte huye yogi Wala feel aaya
Kitni kathin sabd
 
Mujhe kyu Himalaya me tapasya karte huye yogi Wala feel aaya
Kitni kathin sabd
Prem ek tapasya ke saman hi to hai

Prem safal hua to moksh nischit hai

Phir khusiyan saath saath chlegi

Kathin shabdon se vyathit na ho hum hain na
 
आज बातों ही बातों में बरबस उसने पूछा बताओ मैं कैसी हूं.....

कहने को तो तुम्हारी सुंदरता

का कर दूं ढेर सारा बखान,
लेकिन उसमें होगा भी तो सिर्फ
तुम्हारी बाह्य सुंदरता का अभिमान।

तुमको तुम्हारी बाह्य सुंदरता से परे
तुम्हारे अंतःकरण को जाना है,
कितनी ख़ूबसूरत हो तुम
तुमसे मिलने के बाद ही तुमको माना है।

अपने सारे गमों को किनारे कर
मुझे तुमने मेरे अवसाद से निकाला है,
जो कभी टूट के बिखर गया था
तुमने उसको बाखूबी संभाला है।

एक बार फिर से खुशियों से मेरा
तुमने बावस्ता कराया है,
तुम्हारा मन कितना निश्चल और पवित्र है
ऐसी खूबसूरती से मेरा परिचय कराया है।

वैसे तो तुम अपने मासूम अपितु कठोर
सवालों से मुझे हमेशा घेर लेती हो,
किंतु तुम्हारे बेधड़क अंदाज से
मेरा मन मोह लेती हो।

सबकी कितनी चिंता है तुमको
खुद की थोड़ी सी भी परवाह नहीं,
सब खुश रहें बस यही तुम्हारी चाहत
तुम्हारे पुरे व्यक्तित्व की खूबसूरती है।

इन सबसे परे तुम्हारा मजाकिया अंदाज
तुमको सबसे जुदा बनाता है
, और
तुम्हारी सबसे जुड़े रहने की चाहत
तुमको सबसे खूबसूरत बनाता है।


और तुमने ये भी पूछा की बताओ तुम कैसे हो तो सुनो.....

हम बहुत खुश खुश से रहने लगे हैं आजकल
अब तनिक भी नहीं सताता हमें बीता हुआ कल,
तुम जो मेरे रूखे जीवन में बहार बनके आई हो
इस दिल ने भी मजबूर किया, दूर करने तन्हाई को।

कैसे कहूं की जिसको ये जीवन भारी सा था लगता
तेरे एकमात्र आ जाने से जैसे मेरा पैर जमीं पे नहीं टिकता।

ज्यादा भावुक ना हो जाऊं इसलिए
अल्पविराम ले लेता हूं,
आज की रात पूरी तरह सिर्फ

तेरे ही नाम कर देता हूं। ❤️

✨ श्वेतराग ✨
Bohot sundar hai kaese likhte
 
Bohot sundar hai kaese likhte
Simple hai senior....
Phle Jo Mann me hai likh diya
Phir usko saja diya
Tukbandi mili to thik nhi to aise sajaya ki pdh ke Mann ko achcha lge

Aur kuch Hindi, Urdu ke vishesh shabdon ka upyog karke thoda aur achcha bna diya
 
Last edited:
आज बातों ही बातों में बरबस उसने पूछा बताओ मैं कैसी हूं.....

कहने को तो तुम्हारी सुंदरता

का कर दूं ढेर सारा बखान,
लेकिन उसमें होगा भी तो सिर्फ
तुम्हारी बाह्य सुंदरता का अभिमान।

तुमको तुम्हारी बाह्य सुंदरता से परे
तुम्हारे अंतःकरण को जाना है,
कितनी ख़ूबसूरत हो तुम
तुमसे मिलने के बाद ही तुमको माना है।

अपने सारे गमों को किनारे कर
मुझे तुमने मेरे अवसाद से निकाला है,
जो कभी टूट के बिखर गया था
तुमने उसको बाखूबी संभाला है।

एक बार फिर से खुशियों से मेरा
तुमने बावस्ता कराया है,
तुम्हारा मन कितना निश्चल और पवित्र है
ऐसी खूबसूरती से मेरा परिचय कराया है।

वैसे तो तुम अपने मासूम अपितु कठोर
सवालों से मुझे हमेशा घेर लेती हो,
किंतु तुम्हारे बेधड़क अंदाज से
मेरा मन मोह लेती हो।

सबकी कितनी चिंता है तुमको
खुद की थोड़ी सी भी परवाह नहीं,
सब खुश रहें बस यही तुम्हारी चाहत
तुम्हारे पुरे व्यक्तित्व की खूबसूरती है।

इन सबसे परे तुम्हारा मजाकिया अंदाज
तुमको सबसे जुदा बनाता है
, और
तुम्हारी सबसे जुड़े रहने की चाहत
तुमको सबसे खूबसूरत बनाता है।


और तुमने ये भी पूछा की बताओ तुम कैसे हो तो सुनो.....

हम बहुत खुश खुश से रहने लगे हैं आजकल
अब तनिक भी नहीं सताता हमें बीता हुआ कल,
तुम जो मेरे रूखे जीवन में बहार बनके आई हो
इस दिल ने भी मजबूर किया, दूर करने तन्हाई को।

कैसे कहूं की जिसको ये जीवन भारी सा था लगता
तेरे एकमात्र आ जाने से जैसे मेरा पैर जमीं पे नहीं टिकता।

ज्यादा भावुक ना हो जाऊं इसलिए
अल्पविराम ले लेता हूं,
आज की रात पूरी तरह सिर्फ

तेरे ही नाम कर देता हूं। ❤️

✨ श्वेतराग ✨

आज बातों ही बातों में बरबस उसने पूछा बताओ मैं कैसी हूं.....

कहने को तो तुम्हारी सुंदरता

का कर दूं ढेर सारा बखान,
लेकिन उसमें होगा भी तो सिर्फ
तुम्हारी बाह्य सुंदरता का अभिमान।

तुमको तुम्हारी बाह्य सुंदरता से परे
तुम्हारे अंतःकरण को जाना है,
कितनी ख़ूबसूरत हो तुम
तुमसे मिलने के बाद ही तुमको माना है।

अपने सारे गमों को किनारे कर
मुझे तुमने मेरे अवसाद से निकाला है,
जो कभी टूट के बिखर गया था
तुमने उसको बाखूबी संभाला है।

एक बार फिर से खुशियों से मेरा
तुमने बावस्ता कराया है,
तुम्हारा मन कितना निश्चल और पवित्र है
ऐसी खूबसूरती से मेरा परिचय कराया है।

वैसे तो तुम अपने मासूम अपितु कठोर
सवालों से मुझे हमेशा घेर लेती हो,
किंतु तुम्हारे बेधड़क अंदाज से
मेरा मन मोह लेती हो।

सबकी कितनी चिंता है तुमको
खुद की थोड़ी सी भी परवाह नहीं,
सब खुश रहें बस यही तुम्हारी चाहत
तुम्हारे पुरे व्यक्तित्व की खूबसूरती है।

इन सबसे परे तुम्हारा मजाकिया अंदाज
तुमको सबसे जुदा बनाता है
, और
तुम्हारी सबसे जुड़े रहने की चाहत
तुमको सबसे खूबसूरत बनाता है।


और तुमने ये भी पूछा की बताओ तुम कैसे हो तो सुनो.....

हम बहुत खुश खुश से रहने लगे हैं आजकल
अब तनिक भी नहीं सताता हमें बीता हुआ कल,
तुम जो मेरे रूखे जीवन में बहार बनके आई हो
इस दिल ने भी मजबूर किया, दूर करने तन्हाई को।

कैसे कहूं की जिसको ये जीवन भारी सा था लगता
तेरे एकमात्र आ जाने से जैसे मेरा पैर जमीं पे नहीं टिकता।

ज्यादा भावुक ना हो जाऊं इसलिए
अल्पविराम ले लेता हूं,
आज की रात पूरी तरह सिर्फ

तेरे ही नाम कर देता हूं। ❤️

✨ श्वेतराग ✨
Wow wonderful
 
सोचा था खामोश रहेंगे कुछ दिन, पर बड़ा मुश्किल है इस दिल को समझना। दिल भी नहीं था कुछ लिखने को, पर जरूरी भी तो था उनको बतलाना।

यूं तो सब ठीक था
लेकिन कल वो नाराज़ हो गए
नज़रंदाज़ करते है हम
ये उनकी शिकायत है।

कैसे समझाएं उन्हें
हम ऐसे बिल्कुल भी नहीं
पर जो कमी खली है उन्हें
वाजिब है, वो गलत बिलकुल नहीं।

उन्हें पता है अपनी गलती पे
हम खुद को प्रताड़ित करते हैं
शायद कमी तो है हममें भी
वो इतने बे-माकुल भी नहीं।

लेकिन आप जो यूं खफा रहेंगे हमसे
तो हम फिर कहां जायेंगे
इतनी है इल्तिज़ा, लौट आओ
वरना हम फिर बिखर जायेंगे।

एक बार आपने हमें समेटा
जीने की राह नई दिखाई है
इस बार जो बिखरे फिर से
ये बिखरन फिर समेटा ना जायेगा
बिछड़ के खुश तो आप भी ना होगे
हमारा तो सारा जहां लूट जायेगा।

लौट आओ की हम संभल जाएं
इंसान ही तो हैं ना
गलतियां भी होंगी हमसे
आप ना होगी तो बोलो किधर जाएं।

लिखते लिखते आखों के कोने
पे 'लोर ' आ गया
हम को कहना बहुत है पर
अब लिखा भी ना जायेगा।
 
Last edited:
Totally incredible... nice
 

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सोचा था खामोश रहेंगे कुछ दिन, पर बड़ा मुश्किल है इस दिल को समझना। दिल भी नहीं था कुछ लिखने को, पर जरूरी भी तो था उनको बतलाना।

यूं तो सब ठीक था
लेकिन कल वो नाराज़ हो गए
नज़रंदाज़ करते है हम
ये उनकी शिकायत है।

कैसे समझाएं उन्हें
हम ऐसे बिल्कुल भी नहीं
पर जो कमी खली है उन्हें
वाजिब है, वो गलत बिलकुल नहीं।

उन्हें पता है अपनी गलती पे
हम खुद को प्रताड़ित करते हैं
शायद कमी तो है हममें भी
वो इतने बे-माकुल भी नहीं।

लेकिन आप जो यूं खफा रहेंगे हमसे
तो हम फिर कहां जायेंगे
इतनी है इल्तिज़ा, लौट आओ
वरना हम फिर बिखर जायेंगे।

एक बार आपने हम समेटा
जीने की राह नई दिखाई है
इस बार जो बिखरे फिर से
ये बिखरन फिर समेटा ना जायेगा
बिछड़ के खुश तो आप भी ना होगे
हमारा तो सारा जहां लूट जायेगा।

लौट आओ की हम संभल जाएं
इंसान ही तो हैं ना
गलतियां भी होंगी हमसे
आप ना होगी तो बोलो किधर जाएं।

लिखते लिखते आखों के कोने
पे 'लोर ' आ गया
हम को कहना बहुत है पर
अब लिखा भी ना जायेगा।

डाल से फूल की मानिंद बिख़र जाएँगे
तुझसे छूटे तो बता और किधर जाएँगे

रोज़ घुट घुट के तड़पते हुए जीते जीते
ज़िन्दगी हम तेरे ही हाथ से मर जाएँगे

किस ने दे दी ये ख़बर आज तेरे आने की
अब दिवाने यहाँ कुछ देर ठहर जाएँगे

क्या वो आंखों में समंदर को लिए आते हैं
हाँ जो ऐसा है तो हम डूब के मर जाएँगे,

अश्क़ भी सूख रहे हैं मेरे रफ्ता रफ्ता
ग़म के मौसम जो ये आये हैं गुज़र जाएँगे

एक टूटे हुए से दिल की मरम्मत करने
वो कहाँ चाँद से धरती पे उतर जाएँगे

मेरी आँखों में लहू था जो वो भी सूख गया
ये मेरे ज़ख़्म भी कुछ देर में भर जाएँगे

जिसके सीने के क़फ़स में यूँ हमारा दिल है
आज उस बे-रहम सय्याद के घर जाएँगे

वो अगर सादगी से देख रहे थे हमको
तो "समद" हम भी इरादों से मुकर जाएँगे
 
डाल से फूल की मानिंद बिख़र जाएँगे
तुझसे छूटे तो बता और किधर जाएँगे

रोज़ घुट घुट के तड़पते हुए जीते जीते
ज़िन्दगी हम तेरे ही हाथ से मर जाएँगे

किस ने दे दी ये ख़बर आज तेरे आने की
अब दिवाने यहाँ कुछ देर ठहर जाएँगे

क्या वो आंखों में समंदर को लिए आते हैं
हाँ जो ऐसा है तो हम डूब के मर जाएँगे,

अश्क़ भी सूख रहे हैं मेरे रफ्ता रफ्ता
ग़म के मौसम जो ये आये हैं गुज़र जाएँगे

एक टूटे हुए से दिल की मरम्मत करने
वो कहाँ चाँद से धरती पे उतर जाएँगे

मेरी आँखों में लहू था जो वो भी सूख गया
ये मेरे ज़ख़्म भी कुछ देर में भर जाएँगे

जिसके सीने के क़फ़स में यूँ हमारा दिल है
आज उस बे-रहम सय्याद के घर जाएँगे

वो अगर सादगी से देख रहे थे हमको
तो "समद" हम भी इरादों से मुकर जाएँगे
अपने इरादे से मुकर जाएं
हम वो शख्स नही
अपने वादों से मुकर जाएं
ऐसे कमबख्त भी नहीं
उनकी मर्जी वो आए या ना आए
फिर भी इंतजार करेंगे
कभी तो याद आयेगी ही उसको भी

इतनी सीतमगर तो वो भी नहीं।
 
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