"अचानक तुमको देखा आज फ़्लाइट में
लगा तुम फिर अकेली हो!
और उसके बाद "लॉस्ट एंड फ़ाउंड" के
काउंटर पे भी जाते हुए देखा
उफ़्फ़़!...
तुम्हारी "कुछ भी" खो देने की ये आदत नहीं जाती!"
- गुलज़ार।
लगा तुम फिर अकेली हो!
और उसके बाद "लॉस्ट एंड फ़ाउंड" के
काउंटर पे भी जाते हुए देखा
उफ़्फ़़!...
तुम्हारी "कुछ भी" खो देने की ये आदत नहीं जाती!"
- गुलज़ार।