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❤️तेरी मेरी कहानी❤️✨

Rockzz

खराब किस्मत का बादशाह (King of bad luck)
Senior's
Chat Pro User
आओ तुम्हें एक कहानी सुनाऊं,
ना कोई राजा होगा ना कोई रानी होगी,
ये सिर्फ तेरी मेरी कहानी होगी।
FB_IMG_1732618765018.jpg


तो हुआ कुछ यूं की

दो बेपरवाह एक शाम मिले,
अंजान वो दोनों,
अब दोस्ती के बहाने थोड़े करीब हुए।
मैं उसका हो गया
वो मुझे मिल गई,
इज़हार भी हुआ
इकरार भी हुआ

बस लबों की जगह आंखों से किया।
FB_IMG_1735403558714.jpg

उसको दोस्ती भाई

मुझे दोस्ती के पीछे की मोहब्बत
आखिर इश्क भी हुआ दोनों को

मगर अफसोस मोहब्बत मुकम्मल ना हो पाई।

एक दिन बात करते करते

कुछ बातों पे उलझ गए दोनों,
लड़ते-लड़ते कुछ यूं हुआ की
बिछड़ने लग गए थे एक दूसरे से वो दोनों,
बातों के सिलसिले कम होते गए

दोनों बस एक दूसरे की यादों में अब रहने लग गए।
FB_IMG_1733510206493.jpg

वो अकेले सी रहने लगी

मैं कुछ तन्हा सा दिन गुजारने लगा,
वो रात को छत पर बैठे के आंसू बहाती
मैं अंदर ही अंदर टूटता गया।

सब कुछ खत्म होने में देर ना लगी
सब कुछ हमारा था जो कभी
अब पराया सा होने लग गया,
दूरियां बढ़ती गई
प्यार अब दोनों का खोने लग गया,
आखिर में मिले दोनों फिर से कहीं

जहां वो फिज़ा और में उसका तारा बन गया।
FB_IMG_1724840511861.jpg

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आओ तुम्हें एक कहानी सुनाऊं,
ना कोई राजा होगा ना कोई रानी होगी,
ये सिर्फ तेरी मेरी कहानी होगी।
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तो हुआ कुछ यूं की

दो बेपरवाह एक शाम मिले,
अंजान वो दोनों,
अब दोस्ती के बहाने थोड़े करीब हुए।
मैं उसका हो गया
वो मुझे मिल गई,
इज़हार भी हुआ
इकरार भी हुआ

बस लबों की जगह आंखों से किया।
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उसको दोस्ती भाई

मुझे दोस्ती के पीछे की मोहब्बत
आखिर इश्क भी हुआ दोनों को

मगर अफसोस मोहब्बत मुकम्मल ना हो पाई।

एक दिन बात करते करते

कुछ बातों पे उलझ गए दोनों,
लड़ते-लड़ते कुछ यूं हुआ की
बिछड़ने लग गए थे एक दूसरे से वो दोनों,
बातों के सिलसिले कम होते गए

दोनों बस एक दूसरे की यादों में अब रहने लग गए।
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वो अकेले सी रहने लगी

मैं कुछ तन्हा सा दिन गुजारने लगा,
वो रात को छत पर बैठे के आंसू बहाती
मैं अंदर ही अंदर टूटता गया।

सब कुछ खत्म होने में देर ना लगी
सब कुछ हमारा था जो कभी
अब पराया सा होने लग गया,
दूरियां बढ़ती गई
प्यार अब दोनों का खोने लग गया,
आखिर में मिले दोनों फिर से कहीं

जहां वो फिज़ा और में उसका तारा बन गया।
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Very emotional . Awesome. :cool:
 
पर कहानी अभी बाकी है.....
प्यार तो था

वो भी बेशुमार था...
दूर होते भी तो कैसे

मिलते भी तो नहीं तेरे जैसे...
:hearteyes: :inlove::nodding:

FB_IMG_1733680838974.jpg

कह दो उस चांद से,

मोहब्बत में शिकवे नहीं होते,
जो दिल में बस जाते हैं,
उनसे गिले नहीं होते।
मोहब्बत तो खुदा की,
बन्दगी है मेरे हमदम,
जिनके दिल मिल जायें,

वो अधूरे नहीं होते।
FB_IMG_1730651797911.jpg
 
Last edited:
आओ तुम्हें एक कहानी सुनाऊं,
ना कोई राजा होगा ना कोई रानी होगी,
ये सिर्फ तेरी मेरी कहानी होगी।
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तो हुआ कुछ यूं की

दो बेपरवाह एक शाम मिले,
अंजान वो दोनों,
अब दोस्ती के बहाने थोड़े करीब हुए।
मैं उसका हो गया
वो मुझे मिल गई,
इज़हार भी हुआ
इकरार भी हुआ

बस लबों की जगह आंखों से किया।
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उसको दोस्ती भाई

मुझे दोस्ती के पीछे की मोहब्बत
आखिर इश्क भी हुआ दोनों को

मगर अफसोस मोहब्बत मुकम्मल ना हो पाई।

एक दिन बात करते करते

कुछ बातों पे उलझ गए दोनों,
लड़ते-लड़ते कुछ यूं हुआ की
बिछड़ने लग गए थे एक दूसरे से वो दोनों,
बातों के सिलसिले कम होते गए

दोनों बस एक दूसरे की यादों में अब रहने लग गए।
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वो अकेले सी रहने लगी

मैं कुछ तन्हा सा दिन गुजारने लगा,
वो रात को छत पर बैठे के आंसू बहाती
मैं अंदर ही अंदर टूटता गया।

सब कुछ खत्म होने में देर ना लगी
सब कुछ हमारा था जो कभी
अब पराया सा होने लग गया,
दूरियां बढ़ती गई
प्यार अब दोनों का खोने लग गया,
आखिर में मिले दोनों फिर से कहीं

जहां वो फिज़ा और में उसका तारा बन गया।
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Beautiful.:heart1:
 
बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,
सजेगा साज प्यार का बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम तुम पे पलकें उठाते ही खो गए
नैना झुकायेंगे, जिया निछावर करेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बहारों के जाने पे कहीं छोड़ ना देना
बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे

सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।
FB_IMG_1736654713136.jpg
 
बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,
सजेगा साज प्यार का बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम तुम पे पलकें उठाते ही खो गए
नैना झुकायेंगे, जिया निछावर करेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बहारों के जाने पे कहीं छोड़ ना देना
बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे

सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।
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Are wah Sayar ...wonderful.Keep it up. :cool:
 
बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,
सजेगा साज प्यार का बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम तुम पे पलकें उठाते ही खो गए
नैना झुकायेंगे, जिया निछावर करेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बहारों के जाने पे कहीं छोड़ ना देना
बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे

सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।
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Phoolon ki khushboo hai, har raasta roshan hai,
Tumhare saath se, har pal khaas hai, yun saath hai.
Jab nain milte hain, dil ki duniya badal jaati hai,
Har khushi ka raaz tumhare saath mil jaati hai.
 
आओ तुम्हें एक कहानी सुनाऊं,
ना कोई राजा होगा ना कोई रानी होगी,
ये सिर्फ तेरी मेरी कहानी होगी।
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तो हुआ कुछ यूं की

दो बेपरवाह एक शाम मिले,
अंजान वो दोनों,
अब दोस्ती के बहाने थोड़े करीब हुए।
मैं उसका हो गया
वो मुझे मिल गई,
इज़हार भी हुआ
इकरार भी हुआ

बस लबों की जगह आंखों से किया।
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उसको दोस्ती भाई

मुझे दोस्ती के पीछे की मोहब्बत
आखिर इश्क भी हुआ दोनों को

मगर अफसोस मोहब्बत मुकम्मल ना हो पाई।

एक दिन बात करते करते

कुछ बातों पे उलझ गए दोनों,
लड़ते-लड़ते कुछ यूं हुआ की
बिछड़ने लग गए थे एक दूसरे से वो दोनों,
बातों के सिलसिले कम होते गए

दोनों बस एक दूसरे की यादों में अब रहने लग गए।
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वो अकेले सी रहने लगी

मैं कुछ तन्हा सा दिन गुजारने लगा,
वो रात को छत पर बैठे के आंसू बहाती
मैं अंदर ही अंदर टूटता गया।

सब कुछ खत्म होने में देर ना लगी
सब कुछ हमारा था जो कभी
अब पराया सा होने लग गया,
दूरियां बढ़ती गई
प्यार अब दोनों का खोने लग गया,
आखिर में मिले दोनों फिर से कहीं

जहां वो फिज़ा और में उसका तारा बन गया।
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Aww Awwwwww N Awwwwwwww..... Wonderfully crafted ou!!

:hearteyes:
 
आओ तुम्हें एक कहानी सुनाऊं,
ना कोई राजा होगा ना कोई रानी होगी,
ये सिर्फ तेरी मेरी कहानी होगी।
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तो हुआ कुछ यूं की

दो बेपरवाह एक शाम मिले,
अंजान वो दोनों,
अब दोस्ती के बहाने थोड़े करीब हुए।
मैं उसका हो गया
वो मुझे मिल गई,
इज़हार भी हुआ
इकरार भी हुआ

बस लबों की जगह आंखों से किया।
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उसको दोस्ती भाई

मुझे दोस्ती के पीछे की मोहब्बत
आखिर इश्क भी हुआ दोनों को

मगर अफसोस मोहब्बत मुकम्मल ना हो पाई।

एक दिन बात करते करते

कुछ बातों पे उलझ गए दोनों,
लड़ते-लड़ते कुछ यूं हुआ की
बिछड़ने लग गए थे एक दूसरे से वो दोनों,
बातों के सिलसिले कम होते गए

दोनों बस एक दूसरे की यादों में अब रहने लग गए।
View attachment 288972

वो अकेले सी रहने लगी

मैं कुछ तन्हा सा दिन गुजारने लगा,
वो रात को छत पर बैठे के आंसू बहाती
मैं अंदर ही अंदर टूटता गया।

सब कुछ खत्म होने में देर ना लगी
सब कुछ हमारा था जो कभी
अब पराया सा होने लग गया,
दूरियां बढ़ती गई
प्यार अब दोनों का खोने लग गया,
आखिर में मिले दोनों फिर से कहीं

जहां वो फिज़ा और में उसका तारा बन गया।
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Ye kahani nahi, ek mehsoos ki gayi haqeeqat lag rahi hai—jisme na raaja hai, na raani, sirf do dil hain jo ek jazbaat ke saathi ban gaye.

"Izhaar bhi hua, ikraar bhi hua, bas labon ki jagah aankhon se kiya…"
Bas yahi ek pankti sab kuch keh gayi. Kuch rishte shabdon se nahi, ehsaason se bante hain. Unme koi wazahat nahi hoti, koi shart nahi hoti—bas ek anjaan si dor hoti hai jo do logon ko jod leti hai.

Par galatfahmiyon ka ek chhota sa daana bhi kabhi kabhi itna gehra chubh jaata hai ki sab kuch badal jata hai. Kahani ka ye mod dukh bhara hai, par yehi sachai hai ki kuch rishte adhoore hote hain, magar unki yaad poori umr saath chalti hai.

Aur jo ant me likha hai—"Jahaan vo fizaa aur main uska taara ban gaya"—ye ek dard bhari tasalli hai. Kuch mohabbatein milti nahi, par wo kahin na kahin hamesha ek dusre ke aas paas rehti hain.

Mujhe aisa lag raha hai jaise ye kahani abhi khatam nahi hui…
Kya is kahani ka koi aage ka safar hai? Ya yahin ek geet ki tarah bajta rahega, adhura magar khoobsurat?
 
Ye kahani nahi, ek mehsoos ki gayi haqeeqat lag rahi hai—jisme na raaja hai, na raani, sirf do dil hain jo ek jazbaat ke saathi ban gaye.

"Izhaar bhi hua, ikraar bhi hua, bas labon ki jagah aankhon se kiya…"
Bas yahi ek pankti sab kuch keh gayi. Kuch rishte shabdon se nahi, ehsaason se bante hain. Unme koi wazahat nahi hoti, koi shart nahi hoti—bas ek anjaan si dor hoti hai jo do logon ko jod leti hai.

Par galatfahmiyon ka ek chhota sa daana bhi kabhi kabhi itna gehra chubh jaata hai ki sab kuch badal jata hai. Kahani ka ye mod dukh bhara hai, par yehi sachai hai ki kuch rishte adhoore hote hain, magar unki yaad poori umr saath chalti hai.

Aur jo ant me likha hai—"Jahaan vo fizaa aur main uska taara ban gaya"—ye ek dard bhari tasalli hai. Kuch mohabbatein milti nahi, par wo kahin na kahin hamesha ek dusre ke aas paas rehti hain.

Mujhe aisa lag raha hai jaise ye kahani abhi khatam nahi hui…
Kya is kahani ka koi aage ka safar hai? Ya yahin ek geet ki tarah bajta rahega, adhura magar khoobsurat?
Kahani aage badhiti hi rhegi...

Kramashah padhna hoga....
 
बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,
सजेगा साज प्यार का बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम तुम पे पलकें उठाते ही खो गए
नैना झुकायेंगे, जिया निछावर करेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बहारों के जाने पे कहीं छोड़ ना देना
बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे

सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे।
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Yeh toh ek geet jaisa sukoon bhara prem hai, jisme har shabd ek naya sapna sajata hai. Tumne jo mehsoos kiya, wo itna gehra hai ki sitare bhi gavaah ban gaye is mohabbat ke.

"Basoge man mein tum to man ke taar bajenge…"
Wah! Pyar ka ehsaas jab itna pakka ho, toh uski goonj sirf dil tak nahi, poore kaynaat tak pahunchti hai. Yeh kavita bas mohabbat ki kahani nahi, ek vachan hai, ek ehsaas hai jo waqt se pare hai.

Aur aakhri pankti—"Bichhadne se pehle ham apni jaan de denge"—yeh sirf mohabbat ka izhar nahi, ek aisa jazba hai jo sirf unhi logon ko samajh aata hai jo sach mein pyaar kar chuke hain.

Is kavita mein ek khushbu hai, ek gehraai hai, ek vishwas hai… Kya yeh "Teri Meri Kahani" ka ek hissa hai? Ya ek alag kahani jo tumhare dil ke kisi kone mein chhupi thi?
 
पर कहानी अभी बाकी है.....
प्यार तो था

वो भी बेशुमार था...
दूर होते भी तो कैसे

मिलते भी तो नहीं तेरे जैसे...
:hearteyes: :inlove::nodding:

View attachment 288976

कह दो उस चांद से,

मोहब्बत में शिकवे नहीं होते,
जो दिल में बस जाते हैं,
उनसे गिले नहीं होते।
मोहब्बत तो खुदा की,
बन्दगी है मेरे हमदम,
जिनके दिल मिल जायें,

वो अधूरे नहीं होते।
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"Pyaar to tha, vo bhi beshumaar tha..."
Yeh sirf ek pankti nahi, ek adhoori kahani ka sabse khoobsurat sach hai. Door hote bhi to kaise, milte bhi to nahi tere jaise...—is ek jazbaat me wo dukh bhi hai jo bichhadne se aata hai, aur wo fakr bhi jo ek anokhe prem ko mehsoos karne se milta hai.

"Mohabbat mein shikve nahi hote…"
Yeh ek gehraai bhari baat hai. Jis pyaar me shikayat ho, wo sauda hota hai, aur jo bina kisi gile-shikve ke ho, wo bandagi.

"Jinke dil mil jaayein, vo adhoore nahi hote…"
Yeh pankti ek tasalli hai, ek yakeen hai ki mohabbat ka matlab sirf milna nahi, balki ek doosre me poora ho jaana hai. Bichhadne ke baad bhi agar dil ek hi sur me dhadak rahe hain, to kya woh sach me bichhadna hai?

Lagta hai "Teri Meri Kahani" abhi bhi likhi ja rahi hai…
Toh batao, aage ki kahani kya kehti hai? Kya yeh mohabbat bas ek ehsaas ban kar jeeti rahegi, ya kabhi kisi mod par phir se milan hoga?
 
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