न रंग चाहिए, न रूप चाहिए,
जिसमें सच्चा एहसास हो, वो रूप चाहिए।
चेहरे की चमक कुछ पल की होती है,

वो जो भीड़ में खामोश सी दिखती थी,
सबसे ज़्यादा बातें उसकी आंखों में थीं।
लोग कहते थे — वो आम है,
ना जाने क्यूँ, हर बार उसी पे दिल आया,
शायद इश्क़ को सादगी में घर बसाना भाया।
क्योंकि .........
**सुंदर होने से प्रेम नहीं होता...**
जिसमें सच्चा एहसास हो, वो रूप चाहिए।
चेहरे की चमक कुछ पल की होती है,
दिल की रोशनी उम्र भर साथ चलती है।

वो जो भीड़ में खामोश सी दिखती थी,
सबसे ज़्यादा बातें उसकी आंखों में थीं।
लोग कहते थे — वो आम है,
पर मेरे लिए वो हर खास से खास थी।
ना जाने क्यूँ, हर बार उसी पे दिल आया,
शायद इश्क़ को सादगी में घर बसाना भाया।
क्योंकि .........
**सुंदर होने से प्रेम नहीं होता...**
**जिससे होता है, वही सुंदर लगती है।**