maturemumbaikar
Newbie
तुम चुप से हो हम कुछ सहम से जाते हैं,
तेरी ख़ामोशी में भी, हज़ार अल्फ़ाज़ पाते हैं।
नज़रें मिलती नहीं, पर दिल तो बात करता है,
हर सन्नाटा तुम्हारे इश्क़ का राज़ बताता है।
तुम
हवा भी रुक जाती है, जब तुम पास से गुज़रते हो,
हम अपने दिल को समझाते हैं, पर तुम ही याद आते हो।
तुम जो चुप चुप से हो, हम कुछ सहम से जाते हैं,
तुम्हारी ये ख़ामोशी भी, हमें फिर से मोह ले जाती है।
तेरी ख़ामोशी में भी, हज़ार अल्फ़ाज़ पाते हैं।
नज़रें मिलती नहीं, पर दिल तो बात करता है,
हर सन्नाटा तुम्हारे इश्क़ का राज़ बताता है।
तुम
हवा भी रुक जाती है, जब तुम पास से गुज़रते हो,
हम अपने दिल को समझाते हैं, पर तुम ही याद आते हो।
तुम जो चुप चुप से हो, हम कुछ सहम से जाते हैं,
तुम्हारी ये ख़ामोशी भी, हमें फिर से मोह ले जाती है।

