रात की गहराई में जो राज छुपा है
वही तो एक कहानी लिखने को तैयार है
सन्नाटे की चादर में जो जज्बात जगते हैं
वही तो दिल के कोने में चुपके से टपकते हैं...
तन्हा चांदनी भी एक गीत सुनाए
जो सिर्फ रात के साथी को समझ आए
आंखों की नमी भी एक कहानी लिख जाए
रात के अंधेरों में जो दुख छुप जाए...
जो सिर्फ रात के साथी को समझ आए
आंखों की नमी भी एक कहानी लिख जाए
रात के अंधेरों में जो दुख छुप जाए...
सितारों की महफिल भी चुपचाप है
जैसे रात की बातें भी अनजानी सी है
एक पल जो रात की गहराई में खो जाए
वही तो दिल के राज खोल जाए...
सन्नाटा भी धीरे से बातें करता है
अंधेरों का एक गीत सजाता है...
अंधेरों का एक गीत सजाता है...
तन्हा हवा जब बाँहों से लिपट जाए
एक बेचैनी भी सुकून बन जाए
दिल की दीवारें जो रातों में गिर जाए
वही तो दुख भी चांदनी में बिखर जाए...
छुपी रातों का हर एक अफसाना है
जो चाँद की रोशनी में लिखा जाना है
नींद से परे जो कहानी लिखी जाए
वही तो सपनों का एक शहर बन जाए...
जो चाँद की रोशनी में लिखा जाना है
नींद से परे जो कहानी लिखी जाए
वही तो सपनों का एक शहर बन जाए...
रात के साए जो बातें सुनाए
हर एक पल जो दिल को बहलाये
चुपके से हवा भी एक संदेश लाये
अंधेरों के कोने से रोशनी जगाए...
आंखों के सपने जो रातों में सजते हैं
वही तो सच बनाकर सुबह तक चमकते हैं
एक पल जो सिर्फ रात का हो
जो दिन के शोर से अलग हो जाए...
वही तो सच बनाकर सुबह तक चमकते हैं
एक पल जो सिर्फ रात का हो
जो दिन के शोर से अलग हो जाए...
सन्नाटा भी एक मेहमान बन जाए
हर राज जो रात अपने संग ले
आंखों की शबनम जो गीत गुनगुनाए
वही तो रात का संदेश सुनाएं...
दिल के गम जो सिर्फ रात समझे
वही तो गीतों में ढल जाए...
वही तो गीतों में ढल जाए...
सन्नाटा भी एक नया राग लिख जाए
रात की गहराई हर दुख मिटाए
एक महका एहसास जो दिल को जगाए
वही तो छुपी सी रातों का गीत बनाएं
वही तो छुपी सी रातों का गीत बनाएं...