तुझसे जुड़ी हर बात
किश्त सी है...
तुम्हारी
मुस्कुराहटों से, निगाहों से,
आदतों से, अदाओं से,
हर दीदार पर चुकता जाता है,
इतना तुम पर उधार है इश्क मेरा कि
ताउम्र वसूलूँ तो फिर पूरा हो.
किश्त सी है...
तुम्हारी
मुस्कुराहटों से, निगाहों से,
आदतों से, अदाओं से,
हर दीदार पर चुकता जाता है,
इतना तुम पर उधार है इश्क मेरा कि
ताउम्र वसूलूँ तो फिर पूरा हो.