सादगी तो हमारी ज़रा देखिए ए'तिबार आप के वा'दे पर कर लिया
बात तो सिर्फ़ इक रात की थी मगर इंतिज़ार आप का उम्र-भर कर लिया
इश्क़ में उलझनें पहले ही कम न थीं और पैदा नया दर्द-ए-सर कर लिया
लोग डरते हैं क़ातिल की परछाईं से हम ने क़ातिल के दिल में भी घर कर लिया
ज़िक्र इक बेवफ़ा और सितमगर का था आप का ऐसी बातों से क्या वास्ता
आप तो बेवफ़ा और सितमगर नहीं आप ने किस लिए मुँह उधर कर लिया
बात तो सिर्फ़ इक रात की थी मगर इंतिज़ार आप का उम्र-भर कर लिया
इश्क़ में उलझनें पहले ही कम न थीं और पैदा नया दर्द-ए-सर कर लिया
लोग डरते हैं क़ातिल की परछाईं से हम ने क़ातिल के दिल में भी घर कर लिया
ज़िक्र इक बेवफ़ा और सितमगर का था आप का ऐसी बातों से क्या वास्ता
आप तो बेवफ़ा और सितमगर नहीं आप ने किस लिए मुँह उधर कर लिया