That man, while breaking down, has found himself today, his backbone will remain straight. This is not arrogance, this is pride in rising from the ashes. Amazing~ और अकड़ क्यों न हो मुझमें,
मैं टूटने की हद तक गया हूं।।
सवाल अहंकार का नहीं इज्जत का रखो..
कोई अगर लहजा बदले, तो तुम रास्ता ही बदल लो..!!
न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा, तो परिंदों ने भी अपना ठिकाना बदला..
Waah shayar _ kya baat hai~ और अकड़ क्यों न हो मुझमें,
मैं टूटने की हद तक गया हूं।।
सवाल अहंकार का नहीं इज्जत का रखो..
कोई अगर लहजा बदले, तो तुम रास्ता ही बदल लो..!!
न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा, तो परिंदों ने भी अपना ठिकाना बदला..
That man, while breaking down, has found himself today, his backbone will remain straight. This is not arrogance, this is pride in rising from the ashes. Amazing
Awesome Intelligence™
Waah shayar _ kya baat hai![]()
Wahh chotee~ और अकड़ क्यों न हो मुझमें,
मैं टूटने की हद तक गया हूं।।
सवाल अहंकार का नहीं इज्जत का रखो..
कोई अगर लहजा बदले, तो तुम रास्ता ही बदल लो..!!
न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा, तो परिंदों ने भी अपना ठिकाना बदला..

Bahit achaaa..~ और अकड़ क्यों न हो मुझमें,
मैं टूटने की हद तक गया हूं।।
सवाल अहंकार का नहीं इज्जत का रखो..
कोई अगर लहजा बदले, तो तुम रास्ता ही बदल लो..!!
न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा, तो परिंदों ने भी अपना ठिकाना बदला..
Nicee~ और अकड़ क्यों न हो मुझमें,
मैं टूटने की हद तक गया हूं।।
सवाल अहंकार का नहीं इज्जत का रखो..
कोई अगर लहजा बदले, तो तुम रास्ता ही बदल लो..!!
न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा, तो परिंदों ने भी अपना ठिकाना बदला..
~ और अकड़ क्यों न हो मुझमें,
मैं टूटने की हद तक गया हूं।।
सवाल अहंकार का नहीं इज्जत का रखो..
कोई अगर लहजा बदले, तो तुम रास्ता ही बदल लो..!!
न रुकी वक़्त की गर्दिश, न ज़माना बदला,
पेड़ सूखा, तो परिंदों ने भी अपना ठिकाना बदला..
Thankyou...Bahit achaaa..❤
Thankyou DeluluNicee![]()
Thankyou..