अगर तुम कभी प्रेम करो
तो चुनना उसे अपने लिए
जो जानना चाहे
तुम्हारा पसंदीदा रंग,
जिसे दिलचस्पी हो इस बात में
कि तुम्हें कॉफ़ी का कैसा स्वाद पसंद है,
तुम उसके साथ प्रेम में पड़ना
जिसे तुम्हारे हंसने के अंदाज़ से प्रेम हो,
जो सुनें तुम्हारे दादा-दादी की प्रेम कहानियाँ
उकताए बिना,
और जो टिका दे अपना सर तुम्हारी छाती पर
धड़कनों के गीत को सुनने के लिए,
तुम उसे अपना प्रियतम चुनना
जिसे शर्मिंदगी न हो
भरे बाज़ार में तुम्हारा हाथ थामने से,
जो चुम ले तुम्हारे माथे को सरेआम
और कह दे ज़माने से कि,
उसे गर्व है तुम पर,
तुम प्रेम उसी से करना
जिसे फ़िक्र हो तुम्हारी
जो सवाल करे तुमसे कि
आखिर वज़ह क्या रही होगी
जो तुम्हें प्रेम करने से रोकता था
डर किस बात से रही थी तुम?
फिर तुम उसका साथ कभी न छोड़ना
जिसकी ख़्वाहिश ही इतनी हो कि
उसकी हर सुबह तुम्हें देखने से हो
और रात तुम्हारे साये तले उतरे
तुम किसी ऐसे प्रेमी का इंतज़ार करना,
प्रेम करने के लिए!
तो चुनना उसे अपने लिए
जो जानना चाहे
तुम्हारा पसंदीदा रंग,
जिसे दिलचस्पी हो इस बात में
कि तुम्हें कॉफ़ी का कैसा स्वाद पसंद है,
तुम उसके साथ प्रेम में पड़ना
जिसे तुम्हारे हंसने के अंदाज़ से प्रेम हो,
जो सुनें तुम्हारे दादा-दादी की प्रेम कहानियाँ
उकताए बिना,
और जो टिका दे अपना सर तुम्हारी छाती पर
धड़कनों के गीत को सुनने के लिए,
तुम उसे अपना प्रियतम चुनना
जिसे शर्मिंदगी न हो
भरे बाज़ार में तुम्हारा हाथ थामने से,
जो चुम ले तुम्हारे माथे को सरेआम
और कह दे ज़माने से कि,
उसे गर्व है तुम पर,
तुम प्रेम उसी से करना
जिसे फ़िक्र हो तुम्हारी
जो सवाल करे तुमसे कि
आखिर वज़ह क्या रही होगी
जो तुम्हें प्रेम करने से रोकता था
डर किस बात से रही थी तुम?
फिर तुम उसका साथ कभी न छोड़ना
जिसकी ख़्वाहिश ही इतनी हो कि
उसकी हर सुबह तुम्हें देखने से हो
और रात तुम्हारे साये तले उतरे
तुम किसी ऐसे प्रेमी का इंतज़ार करना,
प्रेम करने के लिए!