मेरे और तुम्हारे बीच में केवल प्रेम नहीं है।
मैं और तुम, बहुत कुछ हैं, प्रेमी होने के अलावा। हम वो दोस्त हैं जो जानते हैं एक-दूसरे के दुख। जिन्हें मालूम एक-दूसरे की कमजोरियाँ। वो दोस्त जिन्हे पता है, हँसाने की लाखों तरकीबें।
हम सिर्फ प्रेमी नहीं है।
मैं और तुम हमसफ़र हैं। जो सफ़र में साथ चल रहे, एक-दूसरे का सहारा बनकर। हमसफ़र जिन्हे रास्तों की फिक्र नहीं जब तक कि एक-दूसरे के साथ हैं। हमसफ़र जिनकी कोई मंजिल नहीं, जहाँ कदम रुकेंगे, वहीं हमारा घर होगा।
हम दोनों नदी और किनारे की तरह है। तुम, मुझसे कितनी भी दूर जाओ, मुझ तक ही लौट आओगी। मैं, तुम्हारा किनारा... हमेशा तुम्हारे इंतजार में रहूंगा। सच, नदी और किनारा हैं हम। हम दोनों कुछ नहीं हैं, एक-दूसरे के बिना। न किनारे के बिना कोई नदी होगी, न नदी के बगैर किनारा।
हमारी परिभाषा केवल प्रेम नहीं है।
हम गुलाब हैं। तुम कली, मैं कांटा हूँ। हम जीवन हैं, हम ऋतु हैं। मैं बसंत हूँ, तुम बहार हो।
मेरे और तुम्हारे बीच में केवल प्रेम नहीं है।
मेरे और तुम्हारे बीच एक खाली संसार है। जिसे भर देना हैं हमें; जीवन से, ऋतुओं से और गुलाब से। ❤

मैं और तुम, बहुत कुछ हैं, प्रेमी होने के अलावा। हम वो दोस्त हैं जो जानते हैं एक-दूसरे के दुख। जिन्हें मालूम एक-दूसरे की कमजोरियाँ। वो दोस्त जिन्हे पता है, हँसाने की लाखों तरकीबें।
हम सिर्फ प्रेमी नहीं है।
मैं और तुम हमसफ़र हैं। जो सफ़र में साथ चल रहे, एक-दूसरे का सहारा बनकर। हमसफ़र जिन्हे रास्तों की फिक्र नहीं जब तक कि एक-दूसरे के साथ हैं। हमसफ़र जिनकी कोई मंजिल नहीं, जहाँ कदम रुकेंगे, वहीं हमारा घर होगा।
हम दोनों नदी और किनारे की तरह है। तुम, मुझसे कितनी भी दूर जाओ, मुझ तक ही लौट आओगी। मैं, तुम्हारा किनारा... हमेशा तुम्हारे इंतजार में रहूंगा। सच, नदी और किनारा हैं हम। हम दोनों कुछ नहीं हैं, एक-दूसरे के बिना। न किनारे के बिना कोई नदी होगी, न नदी के बगैर किनारा।
हमारी परिभाषा केवल प्रेम नहीं है।
हम गुलाब हैं। तुम कली, मैं कांटा हूँ। हम जीवन हैं, हम ऋतु हैं। मैं बसंत हूँ, तुम बहार हो।
मेरे और तुम्हारे बीच में केवल प्रेम नहीं है।
मेरे और तुम्हारे बीच एक खाली संसार है। जिसे भर देना हैं हमें; जीवन से, ऋतुओं से और गुलाब से। ❤
