जब किसी खिलाड़ी को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट मिलता है, तो उसके बाद हर मैच में उससे वैसा ही शानदार खेलने की अपेक्षा की जाती है. एक मिनिमम लेवल तक नहीं खेल पाने पर बाहर भी किया जाता है. तो मदर ऑफ़ ऑल एग्जाम्स सिविल सर्विसेज में टॉपर्स को सिर्फ सेलिब्रेट कर के क्यों छोड़ दिया जाता है?
कहाँ गए पिछले दस सालों के टॉपर्स? उनका मूल्यांकन भी तो लगातार जनता की नज़र में होना चाहिए.
शायद जनता की नज़र में लगातार इनका मूल्यांकन हो तो पॉलिटिशियन भी इन पर दबाव नहीं बना पाएं और निष्पक्ष काम की गुंजाइश रहे.
कहाँ गए पिछले दस सालों के टॉपर्स? उनका मूल्यांकन भी तो लगातार जनता की नज़र में होना चाहिए.
शायद जनता की नज़र में लगातार इनका मूल्यांकन हो तो पॉलिटिशियन भी इन पर दबाव नहीं बना पाएं और निष्पक्ष काम की गुंजाइश रहे.