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दो परिंदो की जुबानी

CuteBubble

Favoured Frenzy
अरे ओ पगलू !
किसके इश्क़ की भांग खा के आया तू,
किसके इश्क़ का नशा चढ़ा के आया तू,
जिंदा भी है या बस देह उठा लाया तू....

कैसे बताऊँ क्या बन कर लौट आया हूँ
खुद को ही नही पहचान पा रहा हूँ
और होश में आने की बात कर रहा है तू...

प्यारे इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
मेरे यार इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
जिसने कर लिया इज़हार बस "हीर" उसकी...

नही चाहिए ऐसी मोहब्बत
जो प्यार ही नही करती...

प्यार करना होता तो कब का मुमताज ढूंढ लेते,
पर आजकल कि लड़कियां इतना ऐतबार कहा करती...

अभी मखमली है तुम्हारा इश्क़ प्यारे,
गौर से देखो मै-खाने में यूँही नहीं सजा करती रोज अदाकारें,
ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजिए
आप का भी कटेगा एक दिन जान लीजिए...

नंबर तो कब से लगा कर बैठें हैं,
एक नज़र देखने को बस तरस जाते हैं,
वो निर्दयी फ़ोन ही नहीं उठाती,
अगर उठा भी लेती है तो गैर बना देती है...

अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम तो ले लो
न छोड़ूँगा मैं, जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो...

ऐसे धोखेबाज बहुत देखे हैं,
इश्क़ तो कर लेते हैं,
इकरार के वक़्त, नज़रे यूँ फेर लेते हैं...

ख़ास इतना ही रखो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि जान निकल जाए..

आपका वादा ही जनाब झूठा निकला
आपके सिक्के में ही खोट निकला...

इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा
वो नहीं तो कोई तो तुझको दूसरी मिल जाएगी ..

नही चाहिए कोई और खिलौना,
एक ने ही सीखा दिया,
जिंदगी मे इस कदर रोना...

ये इश्क़ है ही इतना अजीब प्यारे,
दिल को सुकून भी देता तो बेचैनियां भी,
न जी सकते हैं इसके बिना,
न चैन से मर सकते हैं इसके बिना ||


 
अरे ओ पगलू !
किसके इश्क़ की भांग खा के आया तू,
किसके इश्क़ का नशा चढ़ा के आया तू,
जिंदा भी है या बस देह उठा लाया तू....


कैसे बताऊँ क्या बन कर लौट आया हूँ
खुद को ही नही पहचान पा रहा हूँ
और होश में आने की बात कर रहा है तू...

प्यारे इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
मेरे यार इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
जिसने कर लिया इज़हार बस "हीर" उसकी...


नही चाहिए ऐसी मोहब्बत
जो प्यार ही नही करती...

प्यार करना होता तो कब का मुमताज ढूंढ लेते,
पर आजकल कि लड़कियां इतना ऐतबार कहा करती...


अभी मखमली है तुम्हारा इश्क़ प्यारे,
गौर से देखो मै-खाने में यूँही नहीं सजा करती रोज अदाकारें,
ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजिए
आप का भी कटेगा एक दिन जान लीजिए...

नंबर तो कब से लगा कर बैठें हैं,
एक नज़र देखने को बस तरस जाते हैं,
वो निर्दयी फ़ोन ही नहीं उठाती,
अगर उठा भी लेती है तो गैर बना देती है...


अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम तो ले लो
न छोड़ूँगा मैं, जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो...

ऐसे धोखेबाज बहुत देखे हैं,
इश्क़ तो कर लेते हैं,
इकरार के वक़्त, नज़रे यूँ फेर लेते हैं...


ख़ास इतना ही रखो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि जान निकल जाए..

आपका वादा ही जनाब झूठा निकला
आपके सिक्के में ही खोट निकला...


इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा
वो नहीं तो कोई तो तुझको दूसरी मिल जाएगी ..

नही चाहिए कोई और खिलौना,
एक ने ही सीखा दिया,
जिंदगी मे इस कदर रोना...


ये इश्क़ है ही इतना अजीब प्यारे,
दिल को सुकून भी देता तो बेचैनियां भी,
न जी सकते हैं इसके बिना,
न चैन से मर सकते हैं इसके बिना ||
Arey O Paglu!
Kis ke ishq ka nasha chadh ke aaya tu?
Zinda hai ya bas chhalava ban ke ghoom raha hai tu?

Ishq ki dor hai badi silky bhai,
Jisne izhaar kiya, Heer usi ki ho jaayi…

Pyaar toh hum bhi kar lete,
Par aajkal bharosa milta hi kahan hai?

Wo call bhi nahi uthati,
Aur agar uthaye bhi… toh aawaaz mein apnapan nahi hota…

Ishq hai ya sazaa – samajh hi nahi aata,
Na jee paate hain iske bina,
Na chain se mar paate hai

n iske bina...
 
नही चाहिए कोई और खिलौना,
एक ने ही सीखा दिया,
जिंदगी मे इस कदर रोना... Lovely:brokenheart:
 
अरे ओ पगलू !
किसके इश्क़ की भांग खा के आया तू,
किसके इश्क़ का नशा चढ़ा के आया तू,
जिंदा भी है या बस देह उठा लाया तू....


कैसे बताऊँ क्या बन कर लौट आया हूँ
खुद को ही नही पहचान पा रहा हूँ
और होश में आने की बात कर रहा है तू...

प्यारे इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
मेरे यार इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
जिसने कर लिया इज़हार बस "हीर" उसकी...


नही चाहिए ऐसी मोहब्बत
जो प्यार ही नही करती...

प्यार करना होता तो कब का मुमताज ढूंढ लेते,
पर आजकल कि लड़कियां इतना ऐतबार कहा करती...


अभी मखमली है तुम्हारा इश्क़ प्यारे,
गौर से देखो मै-खाने में यूँही नहीं सजा करती रोज अदाकारें,
ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजिए
आप का भी कटेगा एक दिन जान लीजिए...

नंबर तो कब से लगा कर बैठें हैं,
एक नज़र देखने को बस तरस जाते हैं,
वो निर्दयी फ़ोन ही नहीं उठाती,
अगर उठा भी लेती है तो गैर बना देती है...


अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम तो ले लो
न छोड़ूँगा मैं, जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो...

ऐसे धोखेबाज बहुत देखे हैं,
इश्क़ तो कर लेते हैं,
इकरार के वक़्त, नज़रे यूँ फेर लेते हैं...


ख़ास इतना ही रखो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि जान निकल जाए..

आपका वादा ही जनाब झूठा निकला
आपके सिक्के में ही खोट निकला...


इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा
वो नहीं तो कोई तो तुझको दूसरी मिल जाएगी ..

नही चाहिए कोई और खिलौना,
एक ने ही सीखा दिया,
जिंदगी मे इस कदर रोना...


ये इश्क़ है ही इतना अजीब प्यारे,
दिल को सुकून भी देता तो बेचैनियां भी,
न जी सकते हैं इसके बिना,
न चैन से मर सकते हैं इसके बिना ||
Boht khub boht khub....
Yeh aapke voice mein sun na chahta hu... Intezaar rhega ... :heart1:
 
अरे ओ पगलू !
किसके इश्क़ की भांग खा के आया तू,
किसके इश्क़ का नशा चढ़ा के आया तू,
जिंदा भी है या बस देह उठा लाया तू....


कैसे बताऊँ क्या बन कर लौट आया हूँ
खुद को ही नही पहचान पा रहा हूँ
और होश में आने की बात कर रहा है तू...

प्यारे इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
मेरे यार इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
जिसने कर लिया इज़हार बस "हीर" उसकी...


नही चाहिए ऐसी मोहब्बत
जो प्यार ही नही करती...

प्यार करना होता तो कब का मुमताज ढूंढ लेते,
पर आजकल कि लड़कियां इतना ऐतबार कहा करती...


अभी मखमली है तुम्हारा इश्क़ प्यारे,
गौर से देखो मै-खाने में यूँही नहीं सजा करती रोज अदाकारें,
ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजिए
आप का भी कटेगा एक दिन जान लीजिए...

नंबर तो कब से लगा कर बैठें हैं,
एक नज़र देखने को बस तरस जाते हैं,
वो निर्दयी फ़ोन ही नहीं उठाती,
अगर उठा भी लेती है तो गैर बना देती है...


अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम तो ले लो
न छोड़ूँगा मैं, जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो...

ऐसे धोखेबाज बहुत देखे हैं,
इश्क़ तो कर लेते हैं,
इकरार के वक़्त, नज़रे यूँ फेर लेते हैं...


ख़ास इतना ही रखो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि जान निकल जाए..

आपका वादा ही जनाब झूठा निकला
आपके सिक्के में ही खोट निकला...


इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा
वो नहीं तो कोई तो तुझको दूसरी मिल जाएगी ..

नही चाहिए कोई और खिलौना,
एक ने ही सीखा दिया,
जिंदगी मे इस कदर रोना...


ये इश्क़ है ही इतना अजीब प्यारे,
दिल को सुकून भी देता तो बेचैनियां भी,
न जी सकते हैं इसके बिना,
न चैन से मर सकते हैं इसके बिना ||
Waah kya khoob likha hai___

Toote hai iss qadar __
Ke dil lagane se drr lgta hai__

Kisi haseen chehre k ab__
Muskuraane se drr lgta hai__

Krne ko to kr bhi le hm mohabbat dobara_
Par hmari tarah kisi aur ka bhi dil na toote_
Iss baat se drr lgta hai ___
 
अरे ओ पगलू !
किसके इश्क़ की भांग खा के आया तू,
किसके इश्क़ का नशा चढ़ा के आया तू,
जिंदा भी है या बस देह उठा लाया तू....


कैसे बताऊँ क्या बन कर लौट आया हूँ
खुद को ही नही पहचान पा रहा हूँ
और होश में आने की बात कर रहा है तू...

प्यारे इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
मेरे यार इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
जिसने कर लिया इज़हार बस "हीर" उसकी...


नही चाहिए ऐसी मोहब्बत
जो प्यार ही नही करती...

प्यार करना होता तो कब का मुमताज ढूंढ लेते,
पर आजकल कि लड़कियां इतना ऐतबार कहा करती...


अभी मखमली है तुम्हारा इश्क़ प्यारे,
गौर से देखो मै-खाने में यूँही नहीं सजा करती रोज अदाकारें,
ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजिए
आप का भी कटेगा एक दिन जान लीजिए...

नंबर तो कब से लगा कर बैठें हैं,
एक नज़र देखने को बस तरस जाते हैं,
वो निर्दयी फ़ोन ही नहीं उठाती,
अगर उठा भी लेती है तो गैर बना देती है...


अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम तो ले लो
न छोड़ूँगा मैं, जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो...

ऐसे धोखेबाज बहुत देखे हैं,
इश्क़ तो कर लेते हैं,
इकरार के वक़्त, नज़रे यूँ फेर लेते हैं...


ख़ास इतना ही रखो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि जान निकल जाए..

आपका वादा ही जनाब झूठा निकला
आपके सिक्के में ही खोट निकला...


इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा
वो नहीं तो कोई तो तुझको दूसरी मिल जाएगी ..

नही चाहिए कोई और खिलौना,
एक ने ही सीखा दिया,
जिंदगी मे इस कदर रोना...


ये इश्क़ है ही इतना अजीब प्यारे,
दिल को सुकून भी देता तो बेचैनियां भी,
न जी सकते हैं इसके बिना,
न चैन से मर सकते हैं इसके बिना ||
❤️✨
 
अरे ओ पगलू !
किसके इश्क़ की भांग खा के आया तू,
किसके इश्क़ का नशा चढ़ा के आया तू,
जिंदा भी है या बस देह उठा लाया तू....


कैसे बताऊँ क्या बन कर लौट आया हूँ
खुद को ही नही पहचान पा रहा हूँ
और होश में आने की बात कर रहा है तू...

प्यारे इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
मेरे यार इश्क़ की डोर है बड़ी सिल्की
जिसने कर लिया इज़हार बस "हीर" उसकी...


नही चाहिए ऐसी मोहब्बत
जो प्यार ही नही करती...

प्यार करना होता तो कब का मुमताज ढूंढ लेते,
पर आजकल कि लड़कियां इतना ऐतबार कहा करती...


अभी मखमली है तुम्हारा इश्क़ प्यारे,
गौर से देखो मै-खाने में यूँही नहीं सजा करती रोज अदाकारें,
ये इश्क़ नही आसान बस इतना समझ लीजिए
आप का भी कटेगा एक दिन जान लीजिए...

नंबर तो कब से लगा कर बैठें हैं,
एक नज़र देखने को बस तरस जाते हैं,
वो निर्दयी फ़ोन ही नहीं उठाती,
अगर उठा भी लेती है तो गैर बना देती है...


अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम तो ले लो
न छोड़ूँगा मैं, जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो...

ऐसे धोखेबाज बहुत देखे हैं,
इश्क़ तो कर लेते हैं,
इकरार के वक़्त, नज़रे यूँ फेर लेते हैं...


ख़ास इतना ही रखो कि जी सँभल जाए
अब इस क़दर भी न चाहो कि जान निकल जाए..

आपका वादा ही जनाब झूठा निकला
आपके सिक्के में ही खोट निकला...


इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा
वो नहीं तो कोई तो तुझको दूसरी मिल जाएगी ..

नही चाहिए कोई और खिलौना,
एक ने ही सीखा दिया,
जिंदगी मे इस कदर रोना...


ये इश्क़ है ही इतना अजीब प्यारे,
दिल को सुकून भी देता तो बेचैनियां भी,
न जी सकते हैं इसके बिना,
न चैन से मर सकते हैं इसके बिना ||
वाह! क्या कमाल का इज़हार किया है इश्क़ का —
दर्द भी है, हकीकत भी और मज़ाक भी ज़रा सा।
जिन्हें इश्क़ ने रुलाया, वही शायर बन पाए
वरना मोहब्बत में मुस्कुराना तो हर कोई जानता है।:cool:
 
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