प्रेम...
प्रेम ! ये शब्द खुद में कितना अधूरा लगता है ना,
मगर असल में इंसान इसके बिना अधूरा है,
किसी ना किसी बहाने इस से हर कोई जुड़ा हुआ है,
कहीं ना कहीं कोई तो होगा
जिसकी मुस्कुराहट के लिये घन्टों उसे निहारते होंगे आप,
कोई तो होगा जिसकी खुशी के लिये
कितनो को मायूस कर देते होंगे आप,
कोई तो होगा...