छह बरस पहले, उस मोड़ पे,
मिली थी मुझे, इक चाँद सी वो।
निगाहों में उसकी, बस जादू ही था,
दिल मेरा जैसे बाँध लिया उसने।
हँसी उसकी जैसे सुबह का उजाला,
शब्द उसके, जैसे कोई गीत पुराना।
धड़कनें मेरी, उसके नाम से बंधी,
जैसे बादलों में छिपी बिजली।
दो बरस पहले, वो छूट गई,
कहानी हमारी, कहीं टूट गई।
वो...