SHUBHA PRBHAATb (Hindi kachi (gadbad) he par kosise to aap log hi Bata sakte ho )...
पङ्छियो का चिरबिरना
फुल फिरसे खिलखिलाना
ये सब केहेरहि है फिर से
तुम जिलो मुस्कुराके
बितिहुइ गमको भुला के
हर रात ने गमको गोदिमे लिया है
शुबहने खुसियोका सबेरा दिया है
पेहेचान उसे और जानले तु
जो हे उसिको अपना मानले तु
.........abc
पङ्छियो का चिरबिरना
फुल फिरसे खिलखिलाना
ये सब केहेरहि है फिर से
तुम जिलो मुस्कुराके
बितिहुइ गमको भुला के
हर रात ने गमको गोदिमे लिया है
शुबहने खुसियोका सबेरा दिया है
पेहेचान उसे और जानले तु
जो हे उसिको अपना मानले तु
.........abc