चले साथ थे हम,
फिर क्या बात हुई,
ना जाने क्यों,
आँखों से बरसात हुई
ना तुमने कुछ कहा,
ना मुझसे कोई गलती हुई ,
फिर क्यों नज़र आ रही है,
ये दूरियाँ बढ़ती हुई
बस अब बहुत हुआ,
ख़त्म करो इन दूरियों को,
मैं नहीं देख पाती
ख़ुद को बार-बार रोते बिखरते हुये
अब आ भी जाओ,
समेट लो मुझे ,फिर से हसते हुए l