धन्यवाद दर जीदर जी क्या बन्दरिया
धन्यवाद दर जीदर जी क्या बन्दरिया
थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं,क्या लीखोगे
बोलो
किसी की बात लिखोगें या अपनी फरियाद लिखोगेँ
जितना भी लीखोगे उसमें खुद को ही दिखोगे हा![]()
dard se bhar kar bhi mili us rahat ko likhoNice one...
देखा मैने, सबने लिख दी अपनी अपनी बात
किसी ने लिखा राज, तो किसी ने मुलाकात...
किसी ने दर्द भी लिख डाला गहराइयों के साथ
मैं लिखूंगा तुझे, तेरी चाहत को भी
मिला के अपनी चाहत सरेआम लिखूंगा...
तेरे दिल की धडकनों से बोल लेके
खत में तेरे नाम मैं पैगाम लिखूंगा...
थोड़ा सोचूं फिर एक बात लिखूं,
जज्बात लिखूं या हालात लिखूं,
तुझे देख फिर तेरी बात लिखूं,
तारीफ लिखूं या फरियाद लिखूं,
तेरे पीछे खुद को आबाद लिखूं,
या तन्हाई में खुद को बर्बाद लिखूं,
तुझे दिन या खुद को रात लिखूं,
बता आज कौन सी बात लिखूं....
Sahi haidard se bhar kar bhi mili us rahat ko likho
chalati kalam ki har baat likho
kar ke barbaad khud ko awad likho
un paigamo me khud ko aapna sath likho
pata nahi kya likhi![]()
Nice one...
देखा मैने, सबने लिख दी अपनी अपनी बात
किसी ने लिखा राज, तो किसी ने मुलाकात...
किसी ने दर्द भी लिख डाला गहराइयों के साथ
मैं लिखूंगा तुझे, तेरी चाहत को भी
मिला के अपनी चाहत सरेआम लिखूंगा...
तेरे दिल की धडकनों से बोल लेके
खत में तेरे नाम मैं पैगाम लिखूंगा...
chalo phir kare sab kuch sare aamNice one...
देखा मैने, सबने लिख दी अपनी अपनी बात
किसी ने लिखा राज, तो किसी ने मुलाकात...
किसी ने दर्द भी लिख डाला गहराइयों के साथ
मैं लिखूंगा तुझे, तेरी चाहत को भी
मिला के अपनी चाहत सरेआम लिखूंगा...
तेरे दिल की धडकनों से बोल लेके
खत में तेरे नाम मैं पैगाम लिखूंगा...
chalo phir kare sab kuch sare aam
khud ko kar ke mere naam
jo hoga dekha jayega ya to
aap yaa me ho jayenge badanam
to hone de kya har jagha charcheBadnaam hue bhi to naam to hoga
Charcha bhi apna subh-o-sham hoga
Sabki juban hoga phir apna hi naam
Sabko pta hoga phir pyar bhara paigaam
to hone de kya har jagha charche
ham bhi lelenge ishq namak ek parche
phikar bas itne hi he ki ho na jaaye raat
dhire dhere iski ki rosani dhalte dalte
beautiful bhai !एक रात , एक बात लिखूंगा_
खुद को दाग , तुझे साफ लिखूंगा_
हकीकत में हम कभी मिलेंगे नहीं_
एक किताब में अपनी मुलाकात लिखूंगा_
Thank you brotherवह बहुत खूब मज़ा आ गया
Waah janaabकुछ दर्द होंगे, कुछ जश्न होंगे,
कुछ अधूरी मुलाकात लिखूंगा।
जो लफ्ज़ अधूरे रह गए थे कभी,
आज उनकी पूरी बात लिखूंगा।
Waah kya khoob likha haiरात ढलेगी, पर शब्द रहेंगे,
दिल की गहराइयाँ साथ लिखूंगा।
एक रात, एक बात लिखूंगा,
ख़ुद को अपने ही हाथ लिखूंगा।
WaahNice one...
देखा मैने, सबने लिख दी अपनी अपनी बात
किसी ने लिखा राज, तो किसी ने मुलाकात...
किसी ने दर्द भी लिख डाला गहराइयों के साथ
मैं लिखूंगा तुझे, तेरी चाहत को भी
मिला के अपनी चाहत सरेआम लिखूंगा...
तेरे दिल की धडकनों से बोल लेके
खत में तेरे नाम मैं पैगाम लिखूंगा...
to hone de kya har jagha charche
ham bhi lelenge ishq namak ek parche
phikar bas itne hi he ki ho na jaaye raat
dhire dhere iski ki rosani dhalte dalte
Thank you so much bhaibeautiful bhai !
WelcomeThank you brother
Welcome![]()
Thank youWaah janaab
Aap bhi bahut achha likhte hai![]()
Thank you broWaah kya khoob likha hai![]()
Thank you![]()